नई दिल्ली :
नरेन्द्र मोदी की बढ़ती लोकप्रियता को देखते हुए तमाम स्वंयसेवी संगठनों
ने अब मोदी के सत्ता में आने से पहले ही हाजिरी लगानी शुरू कर दी है। इसी
कड़ी में भोजपुरी समाज दिल्ली ने नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर भोजपुरी भाषा
को संवैधानिक मान्यता प्रदान करने की मांग की है।
भोजपुरी समाज दिल्ली के अध्यक्ष अजीत दुबे ने भाजपा के पी.एम.
प्रत्याशी नरेन्द्र मोदी को पत्र में लिखा है। पत्र में लिखा गया है कि
मैकिन्सेक ग्लोयबल इंस्टीच्यूट ने 20 फरवरी 2014 को भारत की गरीबी पर एक
विस्तृत शोध पत्र जारी किया। इस शोध पत्र में बताया कि देश के 126 जिलों की
आबादी सबसे अधिक गरीब व सुविधाओं से वंचित है।
इसमें देश की सांस्कृतिक राजधानी बनारस सहित पूरा पूर्वी उत्तर
प्रदेश, बिहार व झारखंड के जिले शामिल हैं। हैरानी की बात यह है कि इन
पिछड़े जिलों की मातृभाषा भोजपुरी को आज तक संवैधानिक मान्यता नहीं दी गई
है। उन्होंने कहा जब उडिया को भाषा की 8वीं अनुसूची में शामिल किया जा
सकता है तो फिर भोजपुरी भाषा को अब तक शामिल क्यों नहीं किया गया है।
उन्होंने कहा कि देश में अब तक की सरकारों ने भोजपुरी समाज को नजरअंदाज
किया है।